इस वजह से भुरभुरी होने लगी है भारतीयों की हड्डियां
सुमन कुमार
ये तो सभी जानते हैं कि हमारे शरीर की मजबूती के लिए शरीर की हड्डियों की मजबूती जरूरी है मगर शायद हममें से अधिकांश लोगों को पता नहीं है कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए शरीर को रोजाना जितना कैल्सियम चाहिए हमें भोजन के जरिये उसका सिर्फ आधा ही कैल्सियम मिल पाता है। भोजन के जरिये शरीर को मिलने वाले कैल्सियम के बारे में जारी किए गए ग्लोबल मैप से पता चलता है कि भारतीयों को भोजन के जरिये रोजाना सिर्फ 429 मिलीग्राम कैल्सियम मिल पाता है जबकि जरूरत रोज 800 से 1000 मिलीग्राम कैल्सियम रोज की होती है। अंतरराष्ट्रीय ऑस्टियोपोरोसिस फाउंडेशन ने ये ग्लोबल मैप जारी किया है। इस स्थिति को देखते हुए जरूरत इस बात की है कि लोगों में कैल्सियम को लेकर जागरूकता का स्तर बढ़ाया जाए।
क्यों जरूरी है कैल्सियम
हमें ये पता होना चाहिए कि हमारी हड्डियों का मुख्य घटक कैल्सियम ही है। हड्डियों का 30 से 35 फीसदी द्रव्यमान और कड़ापन कैल्सियम के कारण ही होता है। ऐसे में यदि शरीर को कैल्सियम की कम मात्रा मिलेगी तो हड्डियों का घनत्व कम होगा और इसके कारण ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है। भारत में इस बीमारी के तेजी से पैर पसारने के पीछे मुख्य वजह यही है कि यहां के लोगों को रोज उतना कैल्सियम नहीं मिल पाता जितने की जरूरत है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर के.के. अग्रवाल कहते हैं, ‘ किसी व्यक्ति के शरीर में कैल्सियम की जरूरत जीवन के अलग-अलग समय में अलग-अलग होती है। किशोरावस्था में और बुढ़ापे में शरीर को ज्यादा कैल्सियम की जरूरत होती है क्योंकि किशोरावस्था में शरीर की हड्डियों को विकास बेहद तेज होता है जबकि बुढ़ापे में हड्डियों का क्षय तेज गति से होता है और इसकी अपेक्षा शरीर की कैल्सियम ग्रहण करने की क्षमता घट जाती है।‘
डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि बुढ़ापे में हर वर्ष एक फीसदी की दर से हड्डियों का क्षय होता है जिसका अर्थ है कि हर वर्ष शरीर से 15 ग्राम कैल्सियम कम हो जाता है। हड्डियां अंदर से खोखली होती हैं और एक सामान्य वयस्क व्यक्ति की हड्डियों के कंकाल का वजन बमुश्किल 3 किलोग्राम होता है। हड्डियों का निर्माण 30 वर्ष की उम्र तक होता है और उसके बाद हड्डियों का अपघटन शुरू हो जाता है। इसलिए ये जरूरी है कि बचपन से ही हड्डियों को मजबूत बनाया जाए ताकि बड़ी उम्र में भी वो मजबूत रहें और हल्की चोट से भी टूटें नहीं।
कौन सा कैल्सियम सप्लीमेंट लें
आमतौर पर कैल्सियम कार्बोनेट और कैल्सियम साइट्रेट नामक दो कैल्सियम सप्लीमेंट डॉक्टर देते हैं। इनमें से कैल्सियम कार्बोनेट बेहद सस्ता होता है और शरीर में भोजन के साथ इसे लेने से ये आसानी से शरीर में एब्जॉर्ब होता है। दूसरी ओर कैल्सियम साइट्रेट को खाली पेट लेना होता है। हालांकि ऐसे मरीज जो प्रोटोन पंप इन्हीबीटर्स या एच2 ब्लॉकर्स का इस्तेमाल करते हैं उन्हें कैल्सियम साइट्रेट ही लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि ऐसे मरीजों में कैल्सियम कार्बोनेट आसानी से हजम नहीं होता।
भोजन से कैल्सियम कैसे मिले
डॉक्टर अग्रवाल कहते हैं कि दूध, दही और पनीर कैल्सियम का सबसे प्रमुख स्रोत हैं। शरीर को पर्याप्त कैल्सियम मिले इसके लिए जरूरी है कि लोगों को एक-एक ग्लास दूध सुबह और शाम में और दही एवं पनीर दोपहर के खाने में मिले। इसके अलावा उड़द दाल और तिल की बीजों में भी कैल्सियम होता है। पान के साथ खाने वाले चूने में भी कैल्सियम होता है मगर ये शरीर में सही तरीके से हजम नहीं होता है।
कैल्सियम को शरीर में एब्जॉर्ब होने के लिए शरीर में विटामिन डी की सही मात्रा का होना भी जरूरी है इसलिए कैल्सियम के साथ साथ विटामिन डी भी लेते रहें। हड्डियों को मजबूत करने के लिए कुछ व्यायाम भी करना चाहिए। इससे शरीर को मजबूती मिलती है। अगर आप धूम्रपान और अल्कोहल का सेवन करते हैं तो बेहतर है कि इन दोनों से छुटकारा पाएं क्योंकि ये हड्डियों को कमजोर बनाते हैं।
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